मेरे खुदा तू ही जाने तेरी क्या मर्ज़ी है
मेरे मासूम दिल की तुझसे बस इतनी अर्ज़ी है
कि दर्द अगर दे, तो सहने का सबर भी देना
ज़िन्दगी चाहे ले लेना, मेरे जीने की वजह ना लेना ।
मेरे मासूम दिल की तुझसे बस इतनी अर्ज़ी है
कि दर्द अगर दे, तो सहने का सबर भी देना
ज़िन्दगी चाहे ले लेना, मेरे जीने की वजह ना लेना ।
1 comment:
Bohot accha likhe hain aap. Share karne k liye thank u so much.
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