Sunday, November 09, 2014

बुखार

ना जाने तुम बोतल में क्या ढूँढ़ते हो
मैं नज़रों में शराब कब से उतार बैठी हूँ ।

किस दर्द की तलाश करते हो आँखों में मेरी
मोहब्बत का बुखार कब से उतार बैठी हूँ ॥

1 comment:

DrKN!8 said...

Mukarar...